*हमारे कई ऊपनामो मे एक ऊपनाम "खलिफा" भी है ॥ हम लोगो के टायटल रजक, बैठा, परदेशी होते हुए भी लोग धोबी बोलते थे उसी तरह खलिफा बोले जाने का भी रिवाज है ॥ जिस प्रकार हमारे टायटल -रजक, साफी पारसी भाषा के शब्द है वहि खलिफा भी अरबी शब्द है ॥
खलिफा सुन्नी समुदाय के लोगो का ऊपनाम है ॥
पंजाबी धोबी या पंजाब के धोबीयो के गोत्र खुखरान, खत्तरी है ऒैर अपने को राजा *खोखर* का वंशज मानते है ॥
खोखर ईराक के राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन का भी गोत्र था ॥ ..... १२०६ में आधुनिक पाकिस्तान के झेलम क्षेत्र में नदी के किनारे मुहम्मद ग़ोरी को खोखर नामक क़बीले के लोगों ने अपने ऊपर हुए हमलों का बदला लेने के लिए मार डाला। और खोखर कबीला वोही है जिससे सद्दाम हुसैन भी आते थे | इसलिए यह कहना की धर्म का सम्बन्ध कबीलों से है सर्वथा गलत है | बल्कि आपकी पहचान धर्म से नहीं आपके गौरवशाली कबीले से होती है | स्थान बदले है नस्ले नहि बदला करती है ॥ वहि नाक, आॅख, कद काठी ॥ नस्ल हि सर्वोपरी है ॥..... note- सद्दाम भी सुन्नी मुसलमान हि थे ॥