रजक शब्द का DNA किये बिना रजक (धोबी) जाती के इतिहास जान्ना समुद्र से मोती निकालने के समान है । इस अध्याय मे रजक शब्द के व्युत्पत्ति (विशेस उत्पत्ति ) के क्रमिक इतिहास के अध्ययन के आधार पर रजक समाज के सांस्कृतिक ,ऎतिहासिक एवं सामाजिक पृष्टभूमि से परिचित होगे । इसमे मुख्यतः विचार करेगे कि रजक शब्द किस स्रोत से अथवा कहाँ से आया इसके स्वरुप ऒर अर्थ के आधार का अध्ययन कर रजक शब्द के इतिहास का वास्तविक अर्थ सम्पुष्ट करेगे ।
रजक शब्द हिन्दी का है जो संस्कृत के "रंज्" धातु से बना है अर्थात रजक शब्द कि व्युत्पत्ति राज (चमकना) अथवा रञ्ज/रज् (लाल होना , रंगना, सज्जित करना , अनुरक्त करना ) धातुऒ से होती है ।
यदि हम रजक शब्द कि व्युत्पत्ति रज् (चमकना) धातु से माने तो भी इसका तात्पर्य होगा , अनेक व्यक्तियो मे चमकने वाला व्यक्ति जिसमे राजा होने का ऒचित्य सिद्ध हो । स्पष्ट है कि ऎसा व्यक्ति केवल अपने शारीरिक बल सैष्टव तथा सामरिक उपलब्धियो के कारण ही नहि चमकता वरन् अपने बॊद्धिक ऒर भावनात्मक गुणो के आधार पर भी चमकता है ।
Monday, 28 March 2016
रजक शब्द का DNA जाँच -1
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