रजक धर्म
चंद्रगुप्त जैनी बन गये, सम्राट अशोक बोद्ध बन गये फिर इनके कविले वाले लोग अपने वास्तविक रुप आजीवक (अर्जक) बन गये ॥ वहि अर्जक जो आज रजक है ॥ ये वहि रजक है जिसने भारत के सभी जातीयो के ऒैरतो के मांग मे रंजक (सिंदुर) भर दिया ॥ जिसके सम्मान मे आज भी ये रस्मे ब्राह्मण करते है धोबी घर से हि सिन्दुर मांग कर (सुहाग दान ले कर हि ) शादी करते है ॥
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