आपको आपति है कि उसने आपको शूद्र क्यों कहा ? भई ,उसकी जो मर्जी वह आपको कहे , यह उसकी भाषा , उसका चिंतन और उसकी व्यवस्था है ।
हमें तो यह सोचना है कि हम क्या है और उसको क्या कहना है ।
हम आजीवक हैं और वह - ब्राह्मण ,जैन ,बौद्ध ।
यहीं पर सारी बात खत्म हो जाती है ।वे अपना जाने ,हम अपना देखें ।
उसके लिए अवर्णवाद आश्चर्यजनक है , हमारे लिये वर्णवाद निष्कृष्ट है ।
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