Saturday, 5 September 2020

जाती कि उत्पत्ति सिद्धांत

*जातीवाद कैसे खत्म किया जा सकता है*?
आज हर बुद्धिजीवी जातीवाद खत्म करने कि बात करता है पर किसी के पास इसको खत्म करने कि सटिक ऊपाय नहि है. ... इस जातीवाद को खत्म करने का ऊपाय के रुप मे आरक्षण कार्ड खेला गया. .. क्या ये कारकर हो पाया? ??? जवाब है नहि ॥
..... आरक्षण को लेकर ऊल्टा हि हुआ जातीवाद नये रुप सर्वण वर्ग  एक जुट हो गये. ... यहाँ तक हुआ कि वर्ण सिद्धांत के सब से निचले वर्ग सुद्र (obc) भी अंत्यज वर्ग (sc) के खिलाफ हो गया ॥

लेकिन हमारा व्यक्तिगत अनुभव है कि जातीवाद खत्म तभी हो सकता है जब अंत्यज वर्ग जातीवाद के खिलाफ अपने जातीय इतिहास को मजबुत कर किया जा सकता है. .... ताकि कोई भी अपने जाती को लेकर हिन भावना नहि पालेगा ऊलट जाती को लेकर गर्व महसुस होगा ॥ भरी सभा मे अपने जाती का गुणगान, गॊैरव, का वखान कर सकते है. ... तब अन्य सर्वण समाज आप के इतिहास के सामने टिक नहि पायेगा. .. अपने मिथ्य साहित्य पर दंभ भरते सर्वण समाज का महल तास के पत्ते से बना महल आप के जातिय इतिहास के सामने भर-भरा के विखर जायेगा 🙏🏻
1) जातिय इतिहास से आप के बच्चो मे आत्म सम्मान, आत्म गोैरव कि भावना का विकास होगा ॥
2) आप के बच्चे जाती के कारण कुठा ग्रस्त नहि होगा ॥
3) आप के बच्चो का सार्वागिय विकास करेगा वो अपने ऎतिहासिक पुरुष से प्रेरणा पा कर उस कि तरह बनने कि सोचेगा ऒैर बनेगा
4) जाती तोडने के बजाय जाती मजबुत इस तरह से करने से सर्वण समाज का मिथ्य गॊैरव कांच के महल कि तरह चकना चुर हो जायेगा. .. बस एक पत्तथर  तवियत से तो उछाले ॥
5 ) .... जय धोबी वंश के कुल गॊैरव सम्राट अशोक कि जय 🌞󾴇स तरह के स्लोगन का निर्माण करे. ........ इतिहास लेखन हि अपने जातीय व्रचस्व को बनाये रखने के लिये किया जाता रहा है एक बार धोबी समाज करे. ...🙏🏻

🌞किशन कुमार लाल🌞

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