Wednesday, 17 June 2020

कविलाई जाती धोबी


धोबी एक कबिलाई संस्कृति वाला है ,, कबिलाई उसे कहा जाता हि जिसकी एक पृथक संस्कृति होती है ऒर धोबी कि पृथक संस्कृति रहि है ॥ धोबीया डांस,  धोबऊ गान,  धोबिया नृत्य,  धोबी पंचायत यहाँ तक हि नहि हमारी धोबीया *लिपी* भी है ॥ ऒर एक अहम हिस्सा कुल देवी देवता का होना हमे यह अहसान दिलाने के लिये काफी है कि हमारी दुनिया अलग है ॥ सारी खुबी मॊजुद है यह प्रर्दशित करने के लिये ॥ ठेठ कबिलाई धोबी है ॥ ?
ठेठ कबिलाई धोबी ...पहले कबिलाई का अर्थ समझे, ,, कबिलाई उसे कहा जाता हि जिसकी एक पृथक संस्कृति होती है ऒर धोबी कि पृथक संस्कृति रहि है ॥ धोबीया डांस,  धोबऊ गान,  धोबिया नृत्य,  धोबी पंचायत यहाँ तक हि नहि हमारी धोबीया *लिपी* भी है ॥ ऒर एक अहम हिस्सा कुल देवी देवता का होना हमे यह अहसान दिलाने के लिये काफि है कि हमारी दुनिया अलग है ॥ सारी खुबी मॊजुद है यह प्रर्दशित करने के लिये ॥ ठेठ कबिलाई धोबी है ॥ 🌹किशन लाल 🙏🏻

एक ठेठ कविलाई धोबी ---------  कविलाई कि खुबसुरती उसके सांस्कृति से दिखता है  जो जिस कविले का हिस्सा हो उस कविले मे हि सारी व्यवस्था होती है ॥ मनोरंजन के लिये धोबीया डांस, धोबऊ गान, गीत ॥ खेल कुद के लिये धोबी पछाड वाली कुस्ती,  न्याय के लिये धोबी पंचायत,  अपने पुर्वजो कि याद के लिये कुल देवी देवता, आपस मे हास्य के लिये धोबीया काॅमेडी etc, ,, इसकि लिस्ट लम्बी है जो इस दुनिया को रंगीन करने वाले रजको का स्थान सर्व प्रथम है ॥ आ अब लॊट चले ------- धोबी लाल

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